थीम: "सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा: भारत का सही रास्ता क्या है?"

सम्मेलन का केंद्रीय विषय यह है कि क्या भारत समान, किफायती, और समावेशी स्वास्थ्य सेवा की दिशा में अग्रसर है।

चार प्रमुख स्तंभ: नीति, निजी सहयोग, तकनीक व उन्नत चिकित्सा समाधान

इसमें नीति निर्माण, निजी-सरकारी सहभागिता, हेल्थटेक एवं जीनोमिक्स/प्रिसिजन मेडिसिन जैसे उन्नत विधाओं पर जोर दिया गया।

नेटवर्किंग व ज्ञान सत्रों की बड़ी संख्या

इसमें 10+ घंटे नेट्वर्किंग, 9 सेशंस और 40+ प्रमुख वक्ता शामिल थे, जिनमें Apollo के Dr. संगिता रेड्डी, ICMR की Dr. निवेदिता गुप्ता, और अशोका यूनिवर्सिटी के Prof. अनुराग अग्रवाल प्रमुख थे।

एनसीडी (गैर-संक्रामक रोगों) पर पाक्षिक ध्यान

सम्मेलन में अनियमित जीवनशैली से जुड़ी रोग समस्या (जैसे मधुमेह, हृदय रोग) का उल्लेख करते हुए, टिकाऊ रणनीतियों पर चर्चा हुई, जो भारत की स्वास्थ्य प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण हैं।

बीमारियों पर रोक और डिजिटल हेल्थ का महत्व

आयुष्मान भारत PM-JAY के सफलतापर जोर, डिजिटल स्वास्थ्य और हेल्थटेक से संक्रमण को रोकने तथा स्वास्थ्य पहुँच बढ़ाने पर चर्चाएं हुईं।